Thursday 5 May 2011

APNA FARZ

जब जन प्रभु को प्रभु से मांगे उसे प्रार्थना जानो !
धन संसार पदार्थ मांगे तोह अज्ञानी मानो!!

लोग कहें हम तो मांगेंगे है अधिकार हमारा!
उससे नहीं तो किस्से मांगे उस बिन कौन हमारा !!

मन उसपर हक़ है सबका है अधिकार हमारा!
पर फ़र्ज़ हमारा प्रति क्या उसके येतो कभी न जाना !!

अधिकार संग फ़र्ज़ जुदा है हे जन उसको जानो !
गर चाहते हो हिस्सा उससे तो फ़र्ज़ निभाना जानो !!

दाता ने मानव तन देकर हमपर एक उपकार किया !
तत्वरूप से जाने उसको मोक्ष मार्ग ये प्रदान किया !!

इसीलिए इस तन को पाकर इश्वर से इश्वर को मांगो!
धन संसार न मांगो उससे भक्ति,शक्ति,सेवा मांगो.!!

इश्वर की इच्छा को जिसने तन मन से स्वीकार किया !
प्रभु प्रेम तब बरसा उसपर ,भक्ति का रंग खूब चढ़ा!!

भगवन  मुझको फिर याद  दिलाया मुझपर ये उपकार किया!
जान  गयी मैं गलत कहाँ हूँ  फ़र्ज़ निभाउंगी ये वादा रहा !!

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