लोग कहते हैं इश्वर एक है क्या आपने सोचा है -की अगर इश्वर एक है तो फिर लोग अलग अलग इश्वर की पूजा क्यूँ करते हैं? हमने सुना है की इश्वर निराकार है-मतलब जिसका कोई आकर यानि figure नहीं है.तो फिर हम मूर्ति पूजा क्यों करते हैं. ? क्या जिस इश्वर की हम पूजा कर रहे हैं वही पूर्ण है?
भगवन शिव किसका ध्यान करते रहते हैं? किसकी भक्ति में भगवन विष्णु जी लीं रहते हैं? कौन है वो ?क्या सोचा है? क्या कृष्ण और राम सबब कुछ हैं?
कहते हैं राम राम जपने से इश्वर मिलता है.तोह क्या जो gunga है उसे कभी भगवन नहीं मिलते?
कहते हैं तीरथ यात्रा करने से भगवन मिलते हैं तोह क्या लंगड़े को कभी इश्वर प्राप्ति का सुख नहीं मिलेगा?
कहते ये भी हैं की भगवन के मुख मंडल के दर्शन करने से सब परेशानिया दूर हो जाती हैं तो नेत्रहीन का क्या होगा?
मेरा मतलब है ....आपके मन में ये प्रश्न आते होंगे पर क्या आपने पुचा है खुद से ...
मेरे पास इसके उत्तर हैं..लेकिन उससे पहले आपको जिज्ञासु बनना पड़ेगा..सोचिये..और इंतजार कीजिये मेरे अगले विशेषक का. इश्वर कृपा से ये ज्ञान आपपर भी barsey..
धन्यवाद्..
भगवन शिव किसका ध्यान करते रहते हैं? किसकी भक्ति में भगवन विष्णु जी लीं रहते हैं? कौन है वो ?क्या सोचा है? क्या कृष्ण और राम सबब कुछ हैं?
कहते हैं राम राम जपने से इश्वर मिलता है.तोह क्या जो gunga है उसे कभी भगवन नहीं मिलते?
कहते हैं तीरथ यात्रा करने से भगवन मिलते हैं तोह क्या लंगड़े को कभी इश्वर प्राप्ति का सुख नहीं मिलेगा?
कहते ये भी हैं की भगवन के मुख मंडल के दर्शन करने से सब परेशानिया दूर हो जाती हैं तो नेत्रहीन का क्या होगा?
मेरा मतलब है ....आपके मन में ये प्रश्न आते होंगे पर क्या आपने पुचा है खुद से ...
मेरे पास इसके उत्तर हैं..लेकिन उससे पहले आपको जिज्ञासु बनना पड़ेगा..सोचिये..और इंतजार कीजिये मेरे अगले विशेषक का. इश्वर कृपा से ये ज्ञान आपपर भी barsey..
धन्यवाद्..
nice..:) gyaan continue kijiye .. now u have a follower.. JAI MATA DI..
ReplyDeleteishwar ek hi hai chahe koi kisi bhi bhagwan ko maane ya saare bhagwano ko maane par shakti ek hi hai aur use samjhna insaan ke bas ki baat nai hai sab kuch bas vishwas hai
ReplyDeleteहर धर्म कि जयकार इंसान अपने मुख से करता है
ReplyDeleteहर धर्म के बारे मे इंसान अपने दिमाग से सोचता है
हर धर्म कि रक्षा इंसान अपने शक्ति से करता है
हर धर्म मे इंसान अपने हाथो से दान देता है
हर धर्म मे इंसान पवित्र स्थल अपने पैरो से जाता है
हर धर्म मे इंसान अपने ईश्वर के आगे सर झुकाता है
हर धर्म मे इंसान के हाथ नमन के लिये उठते है
हर धर्म मे इंसान उपदेश अपने कानो से सुनता है
हर धर्म मे इंसान अपनी आखो से ईश्वर को देखता है
हर धर्म का इंसान बिमार हो तो वह डाक्टर के पास जाता है फिर वो किसी भी धर्म का क्यु ना हो
हर धर्म का इंसान कानुन मे फंसा हो तो वकिल के पास जाता है चाहे वो भी किसी और धर्म का हो
हर धर्म का इंसान एक शिक्षक से सिखता है चाहे वो किसी भी धर्म का क्यु ना हो
जब हमे हर चिजे हमारे हि तरह के एक इंसान से मिलती या हम इस शरीर के हर एक अंग से वही कार्य करते है जो की हर धर्म के लोग करते है तो इंसान क्यु अपने अलग अलग धर्म बना कर जिता है जबकि उसे जरुरत और मदद उसी इंसान के रुप मे मिलती है जो कि हम है हमे ईश्वर ने इंसान बनाया ताकि वो इस संसार की हर तरह कि खुशियो का आनंद ले सके ना कि धर्म बनाकर ईश्वर को बांट दे ये हिंदु मुस्लिम सिख ईसाई जैन बौद्ध ये इंसानो के बनाये हुए है ना कि ईश्वर के
ईश्वर ने ये संसार बनाया इंसान बनाया और इंसानो ने तो ईश्वर को हि भगवान अल्लाह देवता गॉड ऐसे अनेक नाम देकर हमने उसेही अलग कर दिया है दोस्तो मेरी इस बात पर गौर करिये और जितना हो सके उतना शेयर किजिये सभी को बता दिजिये कि हम सभी इंसान एक है हम इंसान पहले है और बाद मे किसि धर्म के अगर हम ऐसे सोचेगे तो जरुर इस दुनिया मे एक हि धर्म और एक हि जात होगी इंसानियत का धर्म और मानव जाति तो सोचिये
generator operator director + god
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